Thursday, May 19, 2022

जरा समझ चाल ...

मिसाल बेमिसाल दुनियां की

जरा समझ चाल दुनियां की


मन वहशी भेड़िए सा इसका

है  इंसानी  खाल दुनियां की


नज़रबंद ख़ुदा को कर दिया

चले  फिलहाल  दुनियां  की


जग  को  अंधियारा  बांटती

है  ऐसी  मशाल दुनियां की


विंकल,  लम्हों का मेहमान

उम्र अनंतकाल  दुनियां की


गौरव कुमार *विंकल*


15 comments:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 22 मई 2022 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. सच ,दुनियादारी समझना आसान नहीं ,सुंदर रचना !!

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  3. बेहतरीन अभिव्यक्ति,बहुत अच्छी गज़ल।
    सादर

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  4. Replies
    1. आपका यहां आना ही बहुत बड़ी बात है मेरे लिए , बहुत बहुत धन्यवाद।

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  5. विंकल, लम्हों का मेहमान
    उम्र अनंतकाल दुनियां की//
    बढ़िया गौरव जी | पहली बार आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा | मुझे फ़ॉलो का विकल्प नहीं मिला | आप्सेआग्रह है अगर नहीं है तो फ़ॉलो का बटन लगाएं | और किसी दूसरी थीम में ब्लॉग बनायेंगे तो बड़ा अच्छा लगेगा | सस्नेह

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    1. मुझे भी बहुत ख़ुशी हुयी आप ऐसे ही अपना आशीर्वाद प्यार बनाये रखना ताकि मैं अच्छा लिखने का प्रयास करता रहूं

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  6. सुन्दर अभिव्यक्ति

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  7. बहुत खूब .....आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा |

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