Thursday, October 22, 2009

माँ का दिल दुखाया क्योँ ?...

जिन्दगी के सफर में हर कदम पर जिसने तेरा साथ दिया


उस पर हुक्म चलाया क्योँ ?

माँ का दिल दुखाया क्योँ ?


खुश रखा जिसने तुझको आँख में आंसू ना आने दिया

उसकी आँख में आंसू लाया क्योँ ?

माँ का दिल दुखाया क्योँ ?


अपनी हस्ती भी लुटादी जिसने तेरे सपनों को पूरा करने के लिए

उसके सपनों का घर जलाया क्योँ ?

माँ का दिल दुखाया क्योँ ?


हजारों गम सहन किये जिसने तेरे इक सजदे के बदले

विंकल घर छोड़कर आया क्योँ ?

माँ का दिल दुखाया क्योँ ?

3 comments:

  1. काश!समय रह्ते हर कोई ये जान ले और मान ले//
    अत्यंत मार्मिक अभिव्यक्ति प्रिय गौरव जी।

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