Thursday, October 22, 2009

लौट आ बेटे ......

बेटा


हवा से बातें कर रहा

होकर बुलट पर स्वार

माँ

घुट रही बंद कक्ष में

देखो कितनी लाचार

बेफिक्र

धुंए के छल्ले के समान

है उड़ रहा

लुप्त हो जायेगा

आकाश के गर्भ में जाते-जाते

सही वक्त है

लौट आ बेटे

घर अपने

होने वाली है पूरी

तेरे दिल की मुराद

कह उठी माँ

अपनी अंतिम बात जाते-जाते

1 comment:

  1. मर्मांतक शब्द चित्र 👌👌👌

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