Sunday, September 20, 2009

तेरी यादों के जुगनू ............


तन्हाई में चले आते है तेरी यादों के जुगनू
कुछ पल संग बिताते है तेरी यादों के जुगनू

गमों की अँधेरी स्याह रात में रहता हूँ मैं
रौशनी कभी कर जाते है तेरी यादों की जुगनू

खुशमिजाजी भरी गजलें तुने बहुत सुनी मुझसे
कोई दर्द भरा गीत गाते है तेरी यादों की जुगनू

इतेफाक से हमारी नजरें मिल गयी थी शायद
बिछडे गलतफ़हमी से बतलाते हैं तेरी यादों के जुगनू

तू कहाँ किस दुनिया में खो गयी पूछे विंकल
सच बतलाने से कतराते हैं तेरी यादों के जुगनू  

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