वो एक अफवाह उड़ाते हैं
जंगल में आग लगाते हैं
नादानों की फेहरिस्त बनाके
पत्थर हाथों में थमाते हैं
खून में गर्मी है जिनके
जलसे में उन्हें बुलाते हैं
तेरा मजहब सबसे बड़ा
ये कहकर उकसाते हैं
मजबूरों की मजबूरी का
कुछ वो फायदा उठाते हैं
हुक्मरान हैं जो *विंकल*
अल्लाह राम को लड़वाते हैं
गौरव कुमार *विंकल*
सही
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