Thursday, May 26, 2022

संभाल लो ...


बिगड़ते हालात संभाल लो
तुम रातो रात संभाल लो

किसी पर भी उठ जाते है
ये अपने हाथ संभाल लो

दूर तलक जाने से पहले
घर पे ही बात संभाल लो

सैलाब ना आ जाए कहीं
आयी बरसात संभाल लो

पीढ़ियों तक चलेंगे *विंकल*
ज़रूरी कागज़ात संभाल लो

गौरव कुमार *विंकल*

10 comments:

  1. बेहद उम्दा गज़ल लिखी है.बेहतरीन.शानदार.....

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  3. सटीक सलाह देती खूबसूरत ग़ज़ल ।

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  4. सुंदर संदेश देता सृजन ।
    हर शेर उम्दा।

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  5. क्या बात है! बहुत ही बढ़िया।

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  6. आप सभी का बहुत बहुत आभार

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  7. दूर तलक जाने से पहले
    घर पे ही बात संभाल लो
    सैलाब ना आ जाए कहीं
    आयी बरसात संभाल लो//
    किसी एक शेर की तारीफ करूँ तो दूसरे की कीमत कम हो जायेगी।सराहनीय शैली है आपकी 👌👌

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