आज फिर तुमने वही खता की है
छोड़ी थी कभी जो वो पेश अदा की है
गुस्ताखियाँ ना माफ़ होंगी अब आपकी
बात हमने ये आपको बता दी है
वो उडकर मेरे चेहरे पर आ गिरी
क्योँ तुमने बुझी आग को हवा दी है
नजदीकियां कहीं दूरियों में ना बड जाएँ
फिर ना कहना हमने आपको सजा दी है
रोकता है तुम्हें कहता करने से विंकल
बात उसकी तुमने हँसी में उड़ा दी है
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