जो मेरे पास है
वो चाहता नहीं पास रहना
माँ बहुत उदास है
क्या बात है
वो चाहती नहीं कहना
पिताजी सोचते हैं
खुद को कोसते हैं
वो गलत थे
उनकी सोच.....
माँ सोचती है
अपनी कोख को कोसती है
जो हुआ गलत हुआ.....
मैं सोचता हूँ
मेरा मरना
उनके
मरने जैसा होगा
उनका गुजर जाना
मेरा अहम भी
नहीं तोड़ पायेगा.....
गौरव कुमार *विंकल*
Bahut khub
ReplyDeleteVery nice Vinkal g
ReplyDeleteBehtreen 👍👍
ReplyDeleteआभार
Deleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteहृदय को बिंधता सृजन।
ReplyDeleteसादर
जब संतान कुछ एसा कर देती है जो असहनीय हो तो माता पिता ठेस लगने के बाद खुद को ही कोसते हैं।मार्मिक रचना 👌
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